संस्कृत भाषा के लकार
Categories: Sanskrit Basics
About Course
संस्कृत भाषा के दश लकार:
(10 types of _Lakaaras_ in Sanskrit)
संस्कृत व्याकरण में ‘लकार’ की अवधारणा क्रिया के काल और अवस्था को व्यक्त करने का एक महत्वपूर्ण तरीका है। ‘लकार’ शब्द ‘ल’ से शुरू होने वाले दस प्रत्ययों को संदर्भित करता है जो धातुओं (क्रिया मूल) में जोड़े जाते हैं। इन प्रत्ययों के द्वारा क्रिया के समय, प्रकार और मनोदशा का बोध होता है।
‘लकार’ का अर्थ:
संस्कृत में, क्रियाएँ अपने मूल रूप में ‘धातु’ कहलाती हैं। इन धातुओं में विभिन्न प्रत्यय जोड़कर क्रिया के अलग-अलग रूप बनाए जाते हैं। ‘लकार’ इन्हीं प्रत्ययों को कहते हैं। प्रत्येक लकार क्रिया के एक विशेष काल या अवस्था को दर्शाता है।
What Will You Learn?
- लकार की विस्तृत व्याख्या